Ratanmani Dobhal
नगर निगम हरिद्वार का घोटालों से पीछा नहीं छूट रहा है। जमीन खरीद घोटाले के बाद अब कर्मचारी सप्लाई करने वाली एजेंसी ने खेल कर दिया है। नगर आयुक्त की जांच में पाया गया कि कर्मचारी मौके पर मौजूद ही नहीं है जबकि एजेंसी फर्जी हाजिरी दिखाती रही। दोनों एजेंसियों पर नगर आयुक्त नंदन कुमार ने पचास पचास हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। वहीं स्थानीय लोग सफाई कर्मचारी सप्लाई करने वाली दोनों एजेंसियों को ब्लेकलिस्ट करने की मांग की है।
वहीं नगर निगम में भूमि घोटाले के बाद अब कर्मचारी घोटाला सामने आया है। जांच में पाय गया कि सफाई कर्मचारी मुहैया कराने वाली दो कंपनियों ने दावे के अनुसार कर्मचारी उपलब्ध नहीं कराए। बल्कि इन्होंने फर्जी तरीके से उपस्थिति दर्शायी, जांच में पाया गया कि जो कर्मचारी बताए गए थे वो कर्मचारी मौके पर पाए ही नहीं गए। इस पर नगर आयुक्त नंदन कुमार ने शुभारंभ सर्विसेज, लिब्बरहेडी और आरके एंड कंपनी गुरुग्राम पर पचास पचास हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। लेकिन सवाल ये है कि धोखाधडी के इस मामले में सिर्फ जुर्माने तक कार्रवाई सीमित क्यों रही। क्यों इन दोनों फर्मों को ब्लेकलिस्ट नहीं किया गया और जिन पर मुकदमा दर्ज कराया जाना चाहिए था, उन को जुर्माना लगाकर हिदायत देकर काम पर लगा दिया गया।
